छत्तीसगढ़। आज छत्तीसगढ़ के गांव एवं कस्बों में सभी माता देवालयों पर सोशल डिस्टेंसिंग को पालन करते हुए माता पहुंचानी का पर्व मनाया गया।
कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक जगहों मंदिरों देवालयों पर भीड़ इकट्ठा न होने की हिदायत दी गई है इसी बीच माता देवालयों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुई छत्तीसगढ़ प्रदेश की सभी गांवों एवं कस्बों में शीतला मंदिर पर गांव के प्रमुख झांकर बैगा द्वारा मां शीतला की पूजा अर्चना की गई।
गांव के लोग बाग मां शीतला पर अटूट विश्वास करते हैं एवं गांव में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर मां शीतला की मंदिर में गुहार लगाते हैं और समस्या से छुटकारा भी मील जाती है इसी तथ्य पर आज गांव के प्रमुखों झांकर पुजारी बैगा द्वारा कोरोनावायरस महामारी कि इस भयावह संकट से बचने के लिए मां शीतला की अनुनय विनय की गई ताकि इस भयावह महामारी से गांव के लोग सुरक्षित रह सके।
मां शीतला की पूजा
मां शीतला के मंदिर में किसी भी प्रकार की जाति वर्ग ही भेदभाव नहीं की जाती इसमें महिला पुरुष एवं सभी जाति के लोग माता पहुंचानी पर्व मनाने के लिए देवालयों में जाकर नीम की पत्ती चढ़ाई जाती है तथा नींबू दूध तर्पण कर गुलाल बंधन सिंदूर अक्षत पुष्प चावल की लाई रोटी आदि चढ़ाकर पूजा की जाती है। एवं गांव की झाकर पुजारी द्वारा शीतला मां की सफेद ध्वजा फहराई जाती है। मां शीतला को लोग टिकरी वाली के नाम से जानते हैं।
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