स्वास्थ्य। बरसात के आते ही अक्सर मलेरिया की बीमारी लोगों में फैलने लगती है। युवा व्यक्ति या बड़े बुजुर्ग पर मलेरिया बुखार आने पर इंजेक्शन या दवाई के माध्यम से उसे आसानी से ठीक किया जा सकता है परंतु अक्सर घर परिवार में छोटे बच्चे जो 5 वर्ष से कम उम्र की होती है उसे टीका लगाना संभव नहीं होता यदि टीका लगाया भी जाए तो रिएक्शन (साईड इफेक्ट) का खतरा बना रहता है क्योंकि कम उम्र के बच्चे की ह्रदय लिवर एवं किडनी मलेरिया की इंजेक्शन को सहन करने की स्थिति में परिपक्व नहीं होते।
मलेरिया के कारण
मलेरिया बुखार होने के दो मुख्य कारण हैं पहला मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया की बीमारी होती है यह आप सभी को पता है परंतु व्यवहारिक दृष्टिकोण से आप सभी को अनुभव होगा की किसी को मच्छर भी ना काटा हो फिर भी मलेरिया पॉजिटिव पाई जाती है इसका मुख्य रीजन यह है की जब बरसात की आगमन होती है और हम कहीं ना कहीं नल अथवा कुंए की पानी का सेवन करते हैं।
बरसात के दिनों में मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं और वही अपना अंडानु भी छोड़ते हैं कहीं ना कहीं कुएं के पानी अथवा नल के पानी में यह मच्छर अपने अंडाणु छोड़ते हैं जिसको हम हम अपने व्यवहारिक जीवन में पीने के लिए उपयोग करते हैं।ये मच्छर के अंडाणु पीने के पानी के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है तथा हमें मलेरिया से ग्रसीत कर लेता है।
अब तो ज्ञात हो गया होगा कि सिर्फ मलेरिया मच्छर के काटने से ही नहीं बल्कि मलेरिया के छोड़े गए अंडाणु पीने के पानी के वजह से भी मलेरिया होती है।
मलेरिया के लक्षण। malaria symptoms
मलेरिया बुखार होने पर व्यक्ति को अत्यधिक ठंड के साथ बुखार पकड़ता है एवं उन्हें सिर दर्द अपचन अथवा उल्टी होने का शिकायत होता है बुखार के बढ़ जाने से चक्कर आने लगती है तथा पीले कलर में उल्टी होती है तथा खूनी दस्त भी मलेरिया का प्रमुख लक्षण है।
मलेरिया से बचने के उपाय।malaria ki dava
वैसे तो मलेरिया को हल्के में कभी भी नहीं लेना चाहिए और मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास जाना चाहिए। मलेरिया का टेस्ट किट के माध्यम से या माइक्रोस्कोप के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। जो किसी भी पैथोलॉजी लैब में आसानी से मलेरिया का टेस्ट एवं उसका रिजल्ट पाया जा सकता है।
मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर उपचार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तत्काल दिखाना चाहिए यदि इसी वजह से उपचार ना होने पर Q. S.T. suspension syrup का उपयोग किसी प्रशिक्षित डॉक्टर से सलाह लेकर करनी चाहिए क्यू एस टी सस्पेंशन सीरप कम उम्र के बच्चों के लिए रामबाण साबित हुई है अधिकतर 5 से 6 वर्ष की कम उम्र कि बच्चों के लिए यह सिरप उपयोग में लाया जाता है।
उपयोग की मात्रा
2 वर्ष से 3 वर्ष तक की बच्चों के लिए सुबह शाम 5ml सिरप नाश्ता अथवा भोजन के बाद पिलानी चाहिए
3 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए 6 मेल सिरप सुबह शाम भोजन के पश्चात देनी चाहिए।
परहेज
मलेरिया बुखार होने पर मरीज को परहेज की आवश्यकता होती है मरीज को चावल छोड़ देनी चाहिए उसके जगह पर भोजन के रूप में हल्के सुपाच्य गेहूं के आटे की रोटी गुड़ के साथ प्ले चाहिए।
खट्टे चटपटे अत्यधिक तेल युक्त भोजन नहीं करनी चाहिए।
Disclaimer
इस पोस्ट पर लिखा गया बीमारी और उपचार एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर आधारित है इसके लिए live chhattisgarh.news की किसी भी प्रकार की नैतिक जिम्मेदारी नहीं होगी। अतः किसी भी ऐलोपैथिक दवाईयों का सेवन करने से पहले डॉ. का सलाह लेना अति आवश्यक है।
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